9789392017087
वाम प्रकाशन 2023
Language: Hindi
139 Pages
5.5 x 8.5 Inches
ज़ीरो माइल एक ऐसी सीरीज़ है, जो हमारे चिर-परिचित शहरों को एक नयी नज़र से देखती है। सीरीज़ की किताबें ऐसे जाने-माने लेखकों ने लिखी है, जो उस शहर से गहरा लगाव रखते हैं, लेकिन शहर के विभिन्न पहलुओं का तटस्थ होकर विश्लेषण भी करते हैं।
यह किताब अलीगढ़ की एक झांकी प्रस्तुत करती है। मोहल्ले, सड़कें, बाज़ार, स्कूल-कॉलेज, धर्मस्थल, सिनेमा हॉल, खानपान के अड्डे हमारे सामने एक-एक कर आते हैं। हम ताला उद्योग में दाख़िल होते हैं और हमें उसका भीतरी संसार दिखाई देता है। किताब हमें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कैंपस में लेकर जाती है और हम उसे एक नई रोशनी में देखते हैं। फिर हमारी मुलाक़ात कला-साहित्य, इतिहास और पत्रकारिता की नामचीन शख़्सियतों से कराती है। किताब में केवल शहर की चमक-दमक नहीं है, दंगों के इतिहास की पड़ताल करते हुए लोगों के मन के अंधेरे कोनों की भी टोह लेने की कोशिश की गई है।
यह न तो शहर का इतिहास है, न संस्मरण, न ही समाजशास्त्रीय विवेचन, लेकिन इसमें इन तीनों की ताक़त और रोचकता समाहित है।