9789392017995
Vaam Prakashan 2024
Language: Hindi
140 Pages
5.5 x 8.5 Inches
बहुचर्चित नाटककार अभिषेक मजूमदार के पाँच नाटक।
तथागत
एक कलाकार को एक राजा, एक काले पत्थर से तथागत की मूर्ति बनाने के लिए मृत्युदंड दे देता है। क्या एक समाज एक राजा से अपने तथागत के लिए लड़ सकेगा?
देस
रुक्मणी, हिन्दुस्तान की आज़ादी की रात, 14 अगस्त, 1947, दिल्ली की सड़कों पर लाखों लोगों के साथ जश्न मनाने जा रही है। पर क्या झूठी ख़बरों, झूठे राष्ट्रवाद और अपने नालायक पति परसुराम के चलते, वो यह जश्न मना पाएगी?
राशन
कोविड लॉकडाउन के बीच, एक अमीर शराबी एक ग़रीब शराबी के पास फ्लैट से उतरकर झोपड़पट्टी में जाता है। क्या शराबी की तलब, उस अमीर और ग़रीब आदमी को साथ ला पाएगी? क्या एक बीमारी का फ़ासला एक नशा मिटा पाएगा?
नमक
कोविड लॉकडाउन के बीच एक मां अपनी दो बेटियों को कहानी सुनाकर, चावल की जगह नमक खिलाती है। क्या सरकार की गाड़ी उनके लिए आएगी? क्या इस देश का नमक उस थाली के नमक की क़ीमत चुका पाएगा?
नजमा नामा
कोविड लॉकडाउन के बीच, नजमा, एक बड़े शहर की सेक्स वर्कर, अपने आख़िरी ग्राहक से कमाए पैसों से अपने गांव लौटने की उम्मीद रखती है। क्या नजमा के लिए सरकारी ट्रेन में जगह होगी? क्या नजमा अपने गांव ज़िंदा जा पाएगी?