9789380118796
वाम प्रकाशन 2019
Language: Hindi
149 Pages
5.5 x 8.5 Inches
मार्क्सवाद एक ऐसी विचारधारा है जो सिर्फ दुनिया का विश्लेषण ही नहीं करती बल्कि उसे बदलने के हथियार भी मुहैया कराती है। इसी विचारधारा और दर्शन के जनक थे – कार्ल मार्क्स।
यह किताब कार्ल मार्क्स की जिंदगी को समझने की कुंजी है। सिर्फ राजनीतिक विचारधारा के प्रणेता मार्क्स को समझने की नहीं बल्कि अर्थशास्त्री मार्क्स, साहित्यकार-दार्शनिक, दोस्त-पिता-प्रेमी-पति मार्क्स को भी। शोषणकारी व्यवस्था के खिलाफ श्रमिकों को एकजुट करने वाला कार्ल मार्क्स बना कैसे? भूखों मरने की नौबत आने के बाद भी कैसे वो संघर्ष के मार्ग पर टिका रहा? किस तरह उसने विश्व को क्रांति का एक वैज्ञानिक फलसफा दिया? शरीर कमजोर होता रहा पर उसकी जिजीविषा और इच्छाशक्ति अदम्य रही।
सरल भाषा और मन को छू लेने वाली शैली में यह किताब कार्ल मार्क्स के संघर्षशील और प्रतिबद्ध जीवन को पाठकों के सामने लाती है।